शाजापुर शहर के नई सड़क स्थिति गोपाल गोशाला के जर्जर भवन को तोड़ने बुधवार को एसडीएम मनीषा वास्कले के नेतृत्व में नगर पालिका की टीम जेसीबी लेकर पहुंची। टीम ने माैके पर जेसीबी से भवन को तोड़ना प्रारंभ भी कर दिया। इसी बीच भवन में रह रहे किराएदार व दुकानदारों के पक्ष में अभिभाषक नरेंद्र तिवारी माैके पर पहुंचे। उन्होंने माैके पर न्यायालय के यथा स्थिति के आदेश होने की बात कहकर अधिकारियों द्वारा कोर्ट की अवमानना करने की बात कही। अभिभाषक तिवारी ने अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई और कहा कि इनके बाप का राज है क्या, स्टे होने के बाद तोड़ रहे हैं। शर्म आनी चाहिए, धिक्कार है ऐसे अधिकारियों पर। न्यायालय की अवमानना कर रहे हैं। उन्होंने दुकानदारों से भी कहा कि सामान जमाओ। काैन प्रशासन आ रहा है, मारो मेरे को हटाओ, लाओ जेसीबी, तुम्हारे घर का राज है क्या, चाहे जिसका तोड़ने पहुंच जाएंगे। अभिभाषक के हंगाने के बाद नगर पालिका की जेसीबी का पंजा रुक गया। एसडीएम के निर्देश पर कोतवाली पुलिस अभिभाषक को पुलिस वाहन में बैठाकर थाने ले गए। हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस वाहन से अभिभाषक को वापस माैके पर ही छोड़ा। इधर, राजस्व और नपा के अधिकारी कार्रवाई अधूरी छोड़ माैके से रवाना हो गए। अभिभाषक ने दिखाया स्टे अभिभाषक नरेन्द्र तिवारी ने बताया, गोपाल गोशाला की दो समिति काम कर रही हैं। इसमें वैध कौन है और अवैध कौन। इसका निर्णय अभी तक नहीं हुआ। गोशाला के भवन में कई वर्ष से लोग रहने के साथ दुकान चला रहे हैं। गोपाल गोशाला की बाद में अस्तित्व में आई समिति ने प्रशासन के साथ मिलकर दुकानों को खाली करने की योजना बनाई। प्रशासन ने 16 दुकानदारों को नोटिस देकर 24 घंटे में भवन खाली करने के निर्देश दिए। इसे लेकर कोर्ट ने यथा स्थिति के आदेश 10 सितंबर को दिए। बावजूद अधिकारी 11 सितंबर को कार्रवाई करने आ गए। जो न्यायालय की अवमानना है। इधर, मामले में अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।