प्राचार्या श्रीमती संगीता श्रीवास्तव की अनूठी शिक्षण विधियों से विद्यालय का 100 प्रतिशत परिणाम परिणाम रहा शाजापुर, 04 सितम्बर 2024/ शिक्षक का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सोचने के तरीके सीखाना है न उन्हें क्या सोचना है। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए शाजापुर जिले की एकीकृत शासकीय हाईस्कूल तिलावद गोविंद की प्राचार्या श्रीमती संगीता श्रीवास्तव का मानना है कि यह मौलिक सत्य है और इस विद्यालय का हमेशा यह प्रयास रहा है कि वह अपने छात्रों में सही मूल्य को स्थापित करें ताकि वह एक समग्र व्यक्तित्व विकसित करें और विद्यालय से बाहर निकलते ही वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि उनके विद्यालय का पिछले सत्र 2023-24 का कक्षा 10वी का 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा। इस उत्कृष्ट परिणाम में विद्यालय के सभी शिक्षकों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की, जिससे कि वे नियमित रूप से पढ़ाई कर सकें। श्रीमती श्रीवास्तव बताती हैं कि विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए पिछले सत्रों में जो टॉपर रहे हैं उन्होंने किस प्रकार से परीक्षा में प्रश्नों को हल किया हैं, उनकी उत्तर पुस्तिका को दिखाया गया। वार्षिक परीक्षा की कॉपी में लिखने का तरीका जैसे- काले पेन का इस्तेमाल करना, अंडरलाइन, हाईलाइटर का सही उपयोग आदि के बारे में बताया। महत्वपूर्ण प्रश्नों पर अधिक से अधिक ध्यान दिया गया। विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने के लिए विद्यालय के बोर्ड पर विद्यार्थियों से प्रश्नों के उत्तर लिखवाए गए और बच्चों द्वारा स्वयं जांचने का मूल्यांकन करवाया। परीक्षा मध्यांतर अवकाश में भी आने वाले पेपर को ध्यान में रखकर विषय शिक्षक द्वारा विशेष क्लास ली गई। विद्यार्थियों द्वारा स्वयं से वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न बनवाए गए और प्रश्नों के उत्तरों पर क्लास में चर्चा की गई। छात्रों ने लगातार इसी पैटर्न पर अभ्यास किया। विद्यार्थियों की लगन एवं कठोर मेहनत रंग लाई। इसी का परिणाम है कि गत सत्र में विद्यार्थियों को परिणाम 100 फीसदी रहा। श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान सत्र में भी हम लगातार यही कोशिश कर रहे हैं कि छात्रों का परीक्षा परिणाम अच्छा रहें। वे कहती हैं कि अपने आप पर विश्वास करें, उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें तो हम मिलकर सभी के लिए एक उज्जवल कल बनाएंगे।