शुजालपुर से पवन मीणा की रिपोर्ट शाजापुर। सूर्व आराधना का महापर्व मकर संक्रांत तारीख से 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन इस साल ये पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। क्योंकि सूर्यनारायण 14 जनवरी को अर्द्ध रात्रि 3.44 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यास्त के बाद राशि परिवर्तन करने से मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। ऐसे में इस साल भी मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस वर्ष मकर संक्रांति अश्व पर बैठकर आ रही है अर्थात वाहन अश्व और उपवाहन सिंहनी होगा। ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति पौष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग, शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी। रवि योग सूर्योदय के साथ सुबह 7.07 से प्रारंभ होकर दिनभर रहेगा। इस दिन भगवान को तिल व तिल के लड्डू और गेहूं व चावल के खिचड़े का भोग लगाने का महत्व है। पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का प्रारंभ 14 जनवरी को अद्र्धरात्रि 3.44 बजे से प्रारंभ होगा, इसलिए यह पर्व 15 जनवरी को उदया तिथि में मनाया जाना श्रेष्ठ है। इसका पुण्य काल वरी सोमवार को सूर्योदय से शुरु होगा 15 जनवरी को स्नान, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व है। यदि तीर्थ स्थल जाना संभव नहीं है तो घर पर ही सूर्योदय के पूर्व उठकर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। मकर संक्रांति पर चावल, मूंग की दाल, काली तिल, गुड़, ताम्र कलश, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र आदि का दान करने से समृद्धि मिलती है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा भी की जाती है। संक्रांति 14 जनवरी की अर्द्ध रात्रि में होने की वजह से 2019 और 2020, 2023 में भी 15 जनवरी को मनाई गई थी। मकर संक्रांति का पर्व 80 से 100 साल में एक दिन आगे बढ़ जाता है। 19वीं सदी में मकर संक्रांति 13 और 14 जनवरी को मनाया जाता था। 2080 से 15 जनवरी को ही संक्रांति मनाई जाएगी।