संपादक भोजराज सिंह पंवार-- रातभर खड़ी रहती हैं बसें, धुलाई भी वहीं इंदौर से खंडवा, खरगोन, उज्जैन, देवास आदि रूट से लेकर राजस्थान और महाराष्ट्र तक चलती हैं बसें निजी ऑपरेटरों ने बना दिया अवैध बसों का अड्डा इंदौर। देश से सबसे स्वच्छ शहर का ताज पहने इंदौर हर क्षेत्र में अपनी छवि उजली कर रहा है। इसी छवि को ध्यान में रखकर नगर निगम ने करीब 15 करोड़ की राशि खर्च कर सुव्यविस्थत बस स्टैंड तैयार किया। यहां से संचालित बसों के लिए कुछ नियम कायदे भी तय किए गए। बसों को समय से केवल 15 मिनट पहले ही बस स्टैंड में प्रवेश की अनुमति है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते कुछ निजी बस संचालकों ने बस स्टैंड को अवैध बस का अड्डा बना दिया है। राजनीतिक दबाव के चलते अफसर जानकार भी खामौश बैठे हैं। नगर निगम ने सरवटे बस स्टैंड बनाने के लिए अप्रैल 2019 में पुराना निर्माण तोड़ा था। इसे एक साल में ही बनाने का दावा किया गया था, लेकिन समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ । कोरोना संक्रमण की वजह से भी बस स्टैंड का संचालन समय पर शुरू नहीं हो पाया था। साल 2022 में इस बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू हो पाया। वर्तमान में इस स्टैंड से 350 बसों का रजिस्ट्रेशन है। यहां से 80 प्रतिशत बसों का संचालन होता है। कुल मिलाकर यहां से बसों का आना जाना एक हजार से अधिक होता है। हर पांच मिनट में उपलब्ध रहती हैं बसें इस स्टैंड से उज्जैन, देवास और खंडवा की सबसे अधिक बसों का संचालन होता है। हर दो से पांच मिनट में इस रूट पर बसें मिल जाती हैं। वहीं राजस्थान, महाराष्ट्र की बसों का संचालन अक्सर सुबह-शाम में ही होता है। कुछ बसों का समय भी तय है और ये दो से तीन घंटे में रुटों पर चलती है। इसी के चलते हजार से ग्यारह का शेड्यूल है। इस बस स्टैंड के मुख्य द्वार पर ही सूरज ढलते ही निजी ऑपरेटरों की बसें खड़ी होना शुरू हो जाती हैं। बसों की साफ -सफाई से लेकर धुलाई तक यहीं होती है। निजी बस ऑपरेटरों ने इसे अवैध अड्डा बना डाला है। इन बसों के खड़े होने से यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। परिसर को बना पार्किंग सरवटे बस स्टैंड पर सुरक्षाकर्मी यात्रियों व उनके परिजनों को परिसर में वाहन लेकर प्रवेश नहीं करने देते हैं और बेसमेंट में बनी पार्किंग में वाहन पार्क करना होता है। वहीं निजी बस ऑपरेटर मुख्य द्वार के अलावा परिसर में भी शाम के बाद अपनी बसों को पार्क कर रहे हैं। एसआइ की ड्यूटी लगाई जाएगी तो ही व्यवस्था सुधरेगी बसों को खड़े करने का प्रावधान नहीं है। बस चालकों को कई बार समझाईश दी गई, हवाएं भी निकाल दी गई। लेकिन बस खड़ी होना बंद नहीं हो रही है। सुरक्षा गार्ड मना करते हैं, लेकिन ये मानते नहीं। हमने ट्रैफिक एसपी को भी इस संबंध में अवगत करा दिया है। यहां पर एसआइ स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगना चाहिए और चालानी कार्रवाई भी की जाना चाहिए तभी ये बसें खड़ी होना बंद होंगी।