भोजराज सिंह पंवार-- राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनावों में दोनों प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने नए चेहरों को भरपूर मौका दिया है। तीनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस ने 287 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। जयपुर, भोपाल, रायपुर. राजनीति में शुचिता, नई सोच और नए विचार के लिए चुनावी महासमर में नए चेहरों का प्रवेश अहम माना जाता है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनावों में दोनों प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने नए चेहरों को भरपूर मौका दिया है। तीनों राज्यों में भाजपा और कांग्रेस ने 287 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। ग्राउण्ड रिपोर्ट के मुताबिक नए चेहरों में चुनाव लड़ने का जोश है, जनता का समर्थन भी मिल रहा है लेकिन चुनाव लड़ने के अनुभव के अभाव में अनेक नए उम्मीदवारों के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट चुनौती बना हुआ है। जिन नेताओं को उम्मीदवारी की मुख्य दौड़ में नहीं होने के बावजूद अचानक मैदान में उतार दिया गया उन्हें ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। टिकट मिलते ही इन नए उम्मीदवारों को टिकट के लिए दूसरे दावेदार के समर्थन में जुटे कार्यकर्ताओं को मनाने की सबसे बड़ी दिक्क्त है। चुनाव खर्च की नई-नई 'मदें' भी उन्हें हैरान कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ध्यान बड़े नेताओं की सीटों पर ज्यादा है ऐसे में कुछ नए चेहरों को प्रदेश संगठन से अपेक्षित मदद नहीं मिल पा रही। वे प्रदेश कार्यालय और अपने वरिष्ठ नेताओं का फोन कर रहे हैं। औपचारिक तौर पर बातचीत में नए उम्मीदवार सबका सहयोग मिलने की बात कहते हैं लेकिन निजी बातचीत में स्वीकार करते हैं कि चुनौतियां हैं। उनसे पार पा लेंगे और चुनाव लड़ने में अनुभवहीनता उनकी जीत के आड़े नहीं आएगी।