भोजराज सिंह पंवार-- जबलपुर. महाकोशल की हारी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी उतारे जाने के बाद अब कांग्रेस में भी सियासी गर्मी बढ़ गई है। हालांकि भाजपा ने अभी मौजूदा विधायकों को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। पर कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा की शुरूआत विधायकों से ही करने जा रही है। जिन पर भरोसा जताते हुए मुहर लग सकती है। इससे मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद बढ़ गई है। जबलपुर की पांच सीटों पर तय हुए नाम, ग्रामीण की हारी तीन पर मंथन कांग्रेस के चार विधायक जिले में कांग्रेस के चार विधायक हैं, इनमें तीन जबलपुर की शहरी पश्चिम, पूर्व, उत्तर और एक ग्रामीण की बरगी सीट शामिल हैं। पार्टी ने जिन 90 सीटों के लिए नाम फाइनल किए हैं, उनमें विधायकों का टिकट पक्का माना जा रहा है। अपने क्षेत्र में पहले से ही सक्रिय हैं, इसलिए टिकट को लेकर बहुत ज्यादा सस्पेंस नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अगले दो दिन में नाम जारी हो सकते हैं। डिंडोरी और नरसिंहपुर जिले की सीटों में भी अधिक बदलाव होने की संभावना नहीं है, जीती सीटों पर पार्टी विधायकों पर ही दांव लगाने जा रही है। केंट में कांग्रेस चौंकाएगी महाकोशल की सबसे कमजोर सीटों में जबलपुर शहर की केंट सीट से उम्मीदवारी तय करने में कांग्रेस चौंका सकती है। इस सीट से पहले ईश्वरदास रोहाणी फिर उनके बेटे अशोक रोहाणी जीत दर्ज करते आ रहे हैं। इस बार अभिषेक चौकसे का नाम आगे बढ़ाया है। बरगी से संजय यादव को ही पार्टी मौका देगी। भाजपा ने नीरज सिंह को उतारा है। पश्चिम में तरुण बनाम राकेश जबलपुर शहर की पश्चिम सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे सांसद राकेश सिंह का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक तरुण भनोत से होगा। जो इस सीट से लगातार दो बार से विधायक हैं और 15 महीने की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे हैं। भनोत का नाम पार्टी की पहली सूची में ही तय होने की संभावना है। कार्यकर्ता भी उनके नाम पर मुहर लगना तय मान रहे हैं। सबसे अधिक माथापच्ची हारी सीटों पनागर, सिहोरा और पाटन को लेकर है। सिहोरा से पार्टी आशान्वित है, क्योंकि जिले को लेकर वहां माहौल गर्म है। पुराने प्रतिद्वंदियों में मुकाबला जबलपुर शहर की पूर्व विधानसभा सीट पर दो पूर्व मंत्रियों अंचल सोनकर और लखन घनघोरिया के बीच ही होने की संभावना है। 2018 में घनघोरिया ने सोनकर को हराया था और मंत्री बने थे। भाजपा ने पहली सूची में ही अंचल का नाम तय कर दिया था। कांग्रेस की ओर से लखन को ही मैदान में उतारे जाने की तैयारी है। दोनों के बीच इस सीट का मुकाबला काफी रोचक होने वाला है। वहीं, जबलपुर उत्तर सीट से कांग्रेस एक बार फिर विनय सक्सेना पर ही भरोसा जताने जा रही है। जिन्होंने 2018 में करीबी मुकाबले में जीत हासिल की थी।