मध्यप्रदेश के खस्ताहाल स्कूलों की हकीकत कौन नहीं जानता। लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर क्षेत्र में बने सरकारी स्कूल को देखेंगे तो अच्छे-अच्छे निजी स्कूलों की बिल्डिंग को भूल जाएंगे। 30 करोड़ की लागत से बने इस स्कूल में 90 से ज्यादा कमरे हैं। इसका वर्चुअल शुभारंभ मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया है। इसमें एक से बारहवीं तक की कक्षाएं लगेंगी। यहां तीन स्कूलों को मिलाकयहां प्रत्येक क्लास रूम में ऑडियो-वीडियो फॉर्मेट में पढ़ाई की व्यवस्था है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए इस स्कूल की प्रत्येक क्लास, यहां लगे फर्निचर और सुविधाएं भी स्मार्ट हैं। यहां थ्री स्टार व्यवस्थाएं जुटाई गई हैं। मॉडर्न लैब, लाइब्रेरी, छात्रावास, खेल मैदान तो हैं ही सभी को पीने के लिए आरओ वाटर सिस्टम लगाया गया है। मैस-कैंटिन, स्टाफ रूम भी सर्वसुविधायुक्त बनाए गए हैं। अग्नि सुरक्षा के इंतजाम हैं और आपातकालीन द्वार भी तय मापदंडों के अनुसार बनाया गया है।र एक स्कूल बनाया गया है। जिसमें प्रथम तल में प्राथमिक, दूसरे पर टॉप क्लास लैब, प्रीमियम क्लास फर्नीचर - प्रीमियम क्लास फर्नीचर, शानदार सभाकक्ष, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायलॉजी की टॉप क्लास लैब सहित शानदार लॉन, वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर दिखाई देगा। स्कूल में शिक्षक राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि इससे पहले जिस स्कूल में हम पढ़ाते थे वहां और यहां जमीन आसमान का अंतर है। क्लास रूम की साइज, ब्लेक बोर्ड सहित सभी चीजें बहुत अच्छे से डिजाइन की गई हैं। यहां पढ़ाने में नई ऊर्जा मिल रही टीचर्स को - प्राचार्य कक्ष, कम्प्यूटर लैब भी बनायी गयी है इससे निजी स्कूल के विद्यार्थियों का रुझान भी अब सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ेगा। इस नए स्कूल में पढ़ाने वाले एक अन्य शिक्षक प्रेमलाल राठौर ने बताया कि इस स्कूल में आने से हम सब बड़ा परिवर्तन हम महसूस कर रहे हैं। 42 वर्ष की उम्र में पहली बार ऐसा स्कूल देखा जिसमें पढ़ाने में नयी ऊर्जा मिल रही है। माध्यमिक और तीसरे तल पर हायर सेकेंडरी के स्कूल लगेगा।