बुधनी टाइम समाचार पत्र शुजालपुर,,,,,,, खरगोन /निमाड़ की लू भरी गर्मी से कौन परिचित नही है। यहां की गर्मी लंबे समय से रिकॉर्ड बना रही है। इस गर्मी में राहत देने की मंशा से कसरावद के युवा रोहित पाटीदार ने अपना व्यवसाय स्थापित करने का हौसला दिखाया। 32 वर्षीय बीकॉम की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपना व्यवसाय शुरू करने वाले युवा कों उद्योग विभाग की एमएसएमई प्रोत्साहन योजना का सहयोग मिला। वर्ष 2018-19 में अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर स्वयं कूलर बनाना शुरू किया। जब सफलता मिली तो इसको बड़े स्तर पर प्रारम्भ करने की इच्छा हुई। वर्तमान में रोहित ने 4 वर्षाे में निमाड़ के जिलो के अलावा मालवा में भी कई स्थानों पर अपने डीलर स्थापित कर चुके है। रोहित बताते है कि यहां गर्मी लू व लपट वाली होती है। इसके बावजूद यहाँ के नागरिकों की पसन्द एसी न होकर कूलर है। क्योंकि यहां के नागरिक पर कृषि आधारित है। ऐसी दैनिकचर्या में अक्सर लोग कुलर ही पसंद करते है। इसलिए कूलर का व्यवसाय प्रारम्भ किया है। करीब 20 युवाओं को दे रहे है स्थायी रोजगार वर्ष 2019 से प्रारम्भ किये अपने कार्य के लिए रोहित ने शुरुआत में 6 युवाओं को काम दिया। इसके बाद धीरे-धीरे काम का विस्तार हुआ। आज की स्थिति में रोहित 17 युवाओं स्थायी रोजगार दे रहे है। जबकि करीब 7 युवा प्रतिदिन के हिसाब से काम कर रहे है। रोहित ने पहली बार 12 डीलरों के साथ 400 कूलर बेचने में सफलता मिली। इसके बाद उन्होंने लगातार वृद्धि की। वर्तमान में वो मालवा में सतवास, बुरहानपुर, खंडवा, सेंधवा और धार व अलीराजपुर के जिलो में अपने व्यवसाय का विस्तार किया है। उद्योग एवं व्यापार विभाग के महाप्रबंधक श्री एके सोनी ने बताया कि रोहित पाटीदार ने इस व्यवसाय के लिए करीब 1 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर अपना उद्योग प्रारम्भ किया। एमएसएमई प्रोत्साहन योजना में रोहित को अब तक प्रोत्साहन राशि के तौर पर 3 लाख रुपये प्रदान किये। अभी 11 अप्रैल 23 को होने वाले कार्यक्रम के माध्यम से शासन द्वारा इनको 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। ऐसे मिली उद्योग लगाने की प्रेरणा रोहित ने बताया कि करीब 4 वर्ष पूर्व उनके जियाजी बाजार से महंगे दाम पर कुलर खरीद कर लाए। उस कुलर को पुरा खोलकर बनावट और उसमें उपयोग में लायी सामग्री को देखा परखा। इसके बाद उन्होने ने भी वैसा ही कुलर बनाने के प्रयास किये। इस प्रयास में उनको सफलता मिलने के साथ ही मुनाफा और तकनीक विकसित करने का अवसर भी नजर आया। इसके बाद रोहित ने मार्केट की जरूरतों को समझने की कोशिश की। आगे रोहित ने निमाड़ की गर्मी में ठण्डी हवा के व्यवसाय को ही स्थापित करने की ठानी।