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संपादक
भोजराज सिंह पंवार
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बुधनी टाइम्स

प्राचीन समय से भारत का दर्शन ज्ञान प्रकृति एवं परम्परा पर आधारित रहा है- राज्यमंत्री श्री परमार शाजापुर में 54 करोड़ 35 लाख रूपये लागत से निर्मित होने वाले सरदार सरदार वल्लभ भाई पटेल सीएम राईज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भूमिपूजन

बुधनी टाइम समाचार पत्र शुजालपुर,,,,,,,,,,, प्राचीन समय से भारत का दर्शन ज्ञान, प्रकृति एवं परम्परा पर आधारित रहा है, इसी आधार पर आधारित है हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन विभाग राज्यमंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने आज शाजापुर में 54 करोड़ 35 लाख रूपये लागत से निर्मित होने वाले सरदार सरदार वल्लभ भाई पटेल सीएम राईज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भूमिपूजन के अवसर पर उत्कृष्ट विद्यालय प्रांगण में सम्पन्न हुये समारोह में कही। इसके पूर्व राज्यमंत्री श्री परमार ने शाजापुर के भैरव डूंगरी क्षेत्र में निर्मित होने वाले सीएम राईज विद्यालय का भूमिपूजन कर शिलान्यास किया। वहीं बेरछा में राज्यमंत्री श्री परमार ने 1.22 किलोमीटर लंबाई के 253.87 लाख रूपये लागत से निर्मित होने वाले बायपास का भूमिपूजन तथा बेरछा में ही 85 लाख रूपये लागत से निर्मित उप तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमराज सिंह सिसोदिया, नगरपालिका अध्यक्ष श्री प्रेम जैन, कलेक्टर श्री दिनेश जैन, पुलिस अधीक्षक श्री जगदीश डावर, जिला पंचायत सीईओ श्री संतोष टैगोर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विवेक दुबे, पूर्व विधायक श्री अरूण भीमावद, श्री अशोक नायक, श्री क्षितिज भट्ट, श्री विजय सिंह बैस, श्री दिनेश शर्मा, श्री संतोष बराड़ा, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री संतोष जोशी, जिला पंचायत सदस्य श्री जगदीश फौजी एवं श्री प्रेम मालवीय, श्री श्याम टेलर, श्री विजय जोशी, श्री नवीन राठौर, श्री किरण ठाकुर, श्री विपुल कसेरा, श्री राजेन्द्र जादौन, श्री रामप्रसाद चौधरी, श्री अशीष नागर तथा बेरछा के समारोह में श्रीमती केतल पटेल, श्री गोविन्द नायक, श्री अर्जुन सिंह, श्री किशोर भीमावद, श्री राधेश्याम गुर्जर, श्री प्रताप सिंह गोहिल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। राज्यमंत्री श्री परमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन समय से भारत का दर्शन ज्ञान, प्रकृति एवं परम्परा पर आधारित रहा है, इसी आधार पर हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आधारित है। ज्ञान में ही शक्ति है और यह प्राचीन समय से भारत की परम्परा थी। अंग्रेजो ने हमारी शिक्षा प्रणाली को तहस नहस कर उनकी शिक्षा थौपी थी। शिक्षा प्रणाली ऐसी होगी जो केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं देगी, बल्कि श्रेष्ठ नागरिक बनायेगी। विद्यार्थी पवित्र मन से शिक्षा ग्रहण करें और देश के काम आये। भारत की परम्परा ज्ञान और विज्ञान पर आधारित है। इसी परम्परा को शिक्षा नीति में शामिल किया गया है। प्रदेश में खोले जा रहे सर्वसुविधायुक्त आधुनिक सीएम राईज विद्यालय नई शिक्षा नीति के संकल्प को साकार करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनभागीदारी का इतिहास रचा जा रहा है। विद्यालयों के लिये “हमारा विद्यालय- हमारा कोष” बनाया गया है। सभी पूर्व छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे वर्ष में एक बार अपने विद्यालय में अवश्य आये और विद्यालय की मिट्टी को प्रणाम करें, जहां से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा अर्जित की है। साथ ही वे अपनी ओर से विद्यालय के विकास में जितना बन पड़े उतना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा केवल सरकार का विषय नहीं रहेगा बल्कि इसे समाज का विषय माना जायेगा। समाज अपने बच्चों के लिये श्रेष्ठ मूल्यों पर आधारित शिक्षा देने के लिये योगदान देकर सहभागी बने। उन्होंने शिक्षको से कहा कि वे शिक्षा के क्षेत्र में संकल्प के साथ आये और श्रेष्ठ विद्यार्थियों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर वर्ष 2047 का भारत आत्म निर्भर एवं श्रेष्ठ भारत बनेगा जो शक्तिशाली होकर दुनिया का भरण पोषण करने की सामर्थ रखेगा। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों को खेल-खेल में एवं प्रकृति के आधार पर शिक्षा दी जायेगी। प्रारंभिक शिक्षा का नाम बाल वाटिका रखा गया है जिसकी प्रथम वर्ष की शिक्षा अरूण, द्वितीय वर्ष की उदय एवं तृतीय वर्ष की शिक्षा का नाम प्रभात रखा गया है। बाल वाटिका में आंगनवाड़ियों का भी सहयोग लिया जायेगा। बाल वाटिका की शिक्षा बस्तामुक्त रहेगी। आगे की शिक्षा में भी बस्ते का बोझ भी कम किया जा रहा है। बच्चों को स्थानीय भाषा के आधार पर शिक्षा दी जायेगी। प्रदेश में सात भाषाओं में पढ़ाई होगी। इसके लिये किताबे लिखने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ सहन नहीं किया जायेगा और न ही किसी तरह का समझौता होगा। नकल करने और कराने वाले गिरोह में शामिल लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही इनका सहयोग देने वाले शिक्षको को भी दण्डित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर ढोंग करने वालो को भी बख्शा नहीं जायेगा। आरटीई के नियमों में संशोधन कर विसंगतियों को दूर करेंगे। ऐसे संस्थानों को भी चिन्हिंत करेंगे जो गरीबो के बच्चों को शिक्षा नहीं देते और आरटीई का लाभ ले रहे है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री जैन ने संबोधित करते हुये कहा कि जिले में सीएम राईज विद्यालयों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एक साथ पढ़ेंगे। इन विद्यालयों में उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है साथ ही विद्यार्थियों को आने-जाने की भी परिवहन की सुविधा दी जायेगी। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सिसोदिया ने सीएम राईज विद्यालय की सौगात मिलने पर सबको बधाई दी। पूर्व विधायक श्री अरूण भीमावद ने कहा कि इन विद्यालयों में गरीबो के बच्चों को भी उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जायेगी, जिससे माता पिताओं के अपने बच्चों के लिये अच्छी शिक्षा का सपना भी पूरा होगा। श्री अशोक नायक ने संबोधित करते हुये कहा कि शिक्षा सबके लिये आवश्यक है। एक ही छत के नीचे एक साथ 4000 बच्चे अध्ययन करेंगे यह कभी सोंच भी नही सकते थे, किन्तु इस स्वप्न को साकार प्रदेश की सरकार ने किया है। इस अवसर पर श्री क्षितिज भट्ट सहित पूर्व छात्र श्री अजीत पारासर, श्री विजय जोशी ने भी संबोधित किया। स्वागत उद्बोधन सीएम राईज विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सरिता सोनी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री हेमंत दुबे ने किया। इसके पूर्व शासकीय उमावि क्रमांक 2 से सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षको का राज्यमंत्री श्री परमार ने शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। विद्यालय की प्राचार्य द्वारा उपस्थित अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किये गये। तहसील कार्यालय का अवलोकन राज्यमंत्री श्री परमार ने बेरछा में 1.22 किलोमीटर लंबाई के 253.87 लाख रूपये लागत से निर्मित होने वाले बायपास का भूमिपूजन तथा 85 लाख रूपये लागत से निर्मित उप तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण करने के बाद नवनिर्मित तहसील कार्यालय भवन का अवलोकन भी किया। इस दौरान कलेक्टर श्री दिनेश जैन, अनुविभागीय अधिकरी श्री नरेन्द्र नाथ पाण्डेय, एसडीओपी श्री भविष्य भास्कर, तहसीलदार श्री राजाराम करजरे, नायब तहसीलदार श्री गौरव पोरवाल, कार्यपालन यंत्री पीआईयू श्री कोमल भूतड़ा, उपयंत्री पीआईयू श्री मनीष मसीह भी मौजूद थे। क्रमांक

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