logo
संपादक
भोजराज सिंह पंवार
ब्रेकिंग न्यूज
बुधनी टाइम्स

डी.ई.आई.सी. के नवीनीकृत भवन का हुआ लोकार्पण चाईल्ड फेण्डली केन्द्र के रूप किया गया है विकसित मंत्री डॉ. चौधरी हुए सम्मिलित

बुधनी टाइम समाचार पत्र शुजालपुर,,,,,,,,,,,, इस दौरान हृदय रोग एवं केट्रेक्ट के 4 बच्चों को इलाज के स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये । डी.ई.आई.सी. के नवीनीकृत भवन को बच्चों को आकर्षित करने वाले रंगों, चित्रकारियों एवं मनभावन इंटीरियर के साथ बनाया गया है। इस केन्द्र के माध्यम से बच्चों के विभिन्न रोगों की शीघ्र पहचान कर उन्हें निःशुल्क उपचार / सर्जरी एवं थेरेपी (पुनर्वास) की सुविधा उपलब्ध करवाकर रोगों की जटिलताओं से बचाया जा रहा है। डी.ई.आई.सी. के माध्यम से विषय विशेषज्ञों द्वारा निःशुल्क उपचार, परामर्श एवं निःशुल्क की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। मंत्री श्री चौधरी ने केन्द्र में दी जा रही सेवाओं का किया अवलोकन स्वास्थ मंत्री ने केन्द्र में प्रदान की जा रही सेवाओं का अवलोकन किया। डी.ई.आई.सी. केन्द्र में फीजियोथैरेपी, स्पीचथैरेपी, ऑक्युपेशनल थैरेपी, नेत्र परीक्षण, स्पीच थैरेपी, छोटे बच्चों की डेण्टल, साईकॉलोजिकल असेसमेण्ट इत्यादि सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है। फिजियोथैरेपी यूनिट में सेरेब्रल पाल्सी का इलाज करवा रही सात वर्षीय बच्ची न तो पलट पाती थी, न ही शारीरिक गतिविधियों पर नियंत्रण था । केन्द्र में न्यूरो डेव्हपलेपमेण्टल तकनीक, फिजियोथैरेपी एवं स्टीम्युलेशन तकनीक से उपचार दिया गया। उपचार उपरांत बच्ची स्वयं बैलेंस कर खड़ी हो पा रही है और दूसरी क्लास में पढ़ भी रही है । मंत्री जी से बच्चे ने कहा कि उसने उन्हें अख़बार में देखा है केन्द्र में स्पेशल एजुकेशन एवं ऑक्युपेशनल थैरेपी के माध्यम से बच्चों डेवलपमेण्टल डिले और सीखने की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी की जा रही है। मानसिक मंदता से ग्रस्त ऐसे बच्चों को विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न माध्यमों से शैक्षणिक एवं दैनिक क्रियाकलापों की गतिविधियां सिखाई जाती हैं। केन्द्र में विगत सात सालों से आ रहे डाउन सिण्ड्रोम से ग्रस्त बरखेड़ी खुर्द निवासी बच्चे से माननीय मंत्रीजी ने चित्र दिखाकर एल्फाबेट्स एवं आकृतियों के सवाल पूछे । जिस पर बच्चे ने सही-सही उत्तर दिये। बच्चे ने मंत्री जी को देखकर कहा कि उसने उन्हें अखबार में देखा है। एस. एन.सी.यू. में भर्ती हर बच्चे का होता है परीक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि डी.ई. आई.सी. केन्द्र के माध्यम से जन्म से 18 साल के बच्चों के उपचार, प्रबंधन एवं जीवन कौशल उन्नयन के लिये समग्र एवं समन्वित रूप से कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बच्चों को विकलांगता से बचाने के लिए उनकी शीघ्र पहचान एवं शीघ्र हस्तक्षेप कर उचित उपचार के लिए जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डी.ई.आई.सी.) की स्थापना की गई थी। जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र के माध्यम से 18 वर्ष तक के बच्चों के डायग्नोसिस, उपचार एवं जीवन कौशल उन्नयन के लिए समग्र कार्य किये जा रहे हैं। एस. एन.सी.यू. में भर्ती बच्चों की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग इस केन्द्र में की जाती है। चूंकि एस.एन.सी.यू. में समय पूर्व जन्म, निमोनिया, कम वजन, पीलिया, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों वाले बच्चे भर्ती होते हैं। अतः इन बच्चों की स्क्रीनिंग एवं फॉलोअप डी.ई.आई.सी. के माध्यम से अनिवार्य रूप ये किया जाता है। आर. बी. एस. के. कार्यक्रम के तहत हो रहा निःशुल्क उपचार इस अवसर पर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती प्रियंका दास ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से दिसंबर 2013 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था, जिसके तहत बीमारियों को चार भागों में विभाजित कर उपचार दिया जाता है, इसमें जन्मजात दोष, कमी, बच्चों के रोग, विकासात्मक देरी अथवा विकलांगता को सम्मिलित किया गया है । उद्देश्य की पूर्ति हेतु आर. बी. एस. के. दल द्वारा 18 वर्ष तक के बच्चों का आंगनबाड़ी एवं स्कूल जाकर 4डी के अंतर्गत बीमारियों से ग्रसित बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम के तहत मुख्य मंत्री बाल हृदय उपचार योजना एवं मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना को भी समाहित किया गया है। आरबीएसके दल द्वारा चिन्हित किये गए बच्चों को आवश्यकतानुसार डी.ई.आई.सी. रेफर किया जाता है। यहां पर विषय विशेषज्ञों द्वारा थैरेपी अथवा सर्जरी हेतु बच्चों को चिह्नांकित कर उपचार दिया जाता है। डीईआईसी भवन का नवीनीकरण मप्र पर्यटन निगम की सिविल विंग द्वारा किया गया है। लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ. दिनेश कौशल, सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. कमलेश अहिरवाल, आर.बी.एस. के. नोडल अधिकारी डॉ. पियुश पंचरत्न, जिला टीबी अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा, जिल मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा, जिला अर्ली इण्टरवेंशन मैनेजर उज्जवल कुमार सहित चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं हितग्राही उपस्थित रहे।

Top