बुधनी टाइम समाचार पत्र शुजालपुर,,, उक्त निर्देश कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने दिए। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों की सलाह और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर आयोजित कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं में किसानों को जैविक खेती के लाभ और फसल उत्पाद में वृदि के परिणाम स्वरूप जिले के अनेक किसान जैविक खेती को ओर रूख कर रहे हैं। किसान अब समझने लगे हैं कि रासायनिक खाद से भूमि की उरर्वता नष्ट होने के साथ ही फसल और स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसान दायक है। जैविक खेती से न केवल अच्छे दाम मिल रहे हैं बल्कि जैविक फसलों से स्वास्थ्य को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता। जिले के किसान जैविक खेती को अपना कर अन्य को भी जैविक खेती अपनाने को प्रेरित कर रहे है। किसानो का मन्ना है कि जैविक खेती कर मिट्टी की उर्वरक शक्ति को तो बचाया जा सकता है, साथ ही रासायनिक उर्वरक पर होने वाला खर्च भी कम किया जा सकता है। जैविक खेती के पहले रासायनिक उरर्वक एवं कीटनाशको का उपयोग करते थे। अब जैविक खेती शुरू की तथा वर्मीकम्पोष्ट खाद बनाना शुरू किया। वर्मीकम्पोष्ट खाद के उपयोग से फसल में रसायनिक उर्वरक पर होने वाले खर्च में बचत होने से अब वे केवल वर्मीकम्पोष्ट खाद का ही उपयोग खेती में करते है। किसान भी जैविक कृषि की ओर अग्रसर हो रहे हैं।