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संपादक
भोजराज सिंह पंवार
ब्रेकिंग न्यूज
बुधनी टाइम्स

घर में सीखेंगे और बढ़ेंगे नन्हे:

बुधनी टाइम समाचार पत्र;;सुजालपुर बच्चे के संस्कार और शिष्टाचार उसके ख़ुद के जीवन की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की दिशा और दशा तय करते हैं। बच्चों में संस्कार और शिष्टाचार उनके माता-पिता से आते हैं और इनको विकसित करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। बचपन में दी गई शिक्षा व्यक्ति के साथ आजीवन रहती है इसलिए बच्चों को सही दिशा देना बहुत ज़रूरी है। अभिभावक चार साल की उम्र के बाद नन्हों को घर में ही क्या-क्या सिखा सकते हैं, जानिए इस लेख में। कृपया-शुक्रिया कहना यह एक आम लेकिन अहम शिष्टाचार है जो बच्चों को सबसे पहले सिखाना चाहिए। बचपन से ही ‘प्लीज़ या कृपया’ और ‘थैंक यू या धन्यवाद’ कहने का महत्व बताएं। बताएं कि जब हम किसी से कुछ पूछते या विनती करते हैं, तो उस वक़्त निवेदन के तौर पर प्लीज़ कहना चाहिए और किसी की मदद लेने पर या कोई भी चीज़ लेते समय थैंक यू कहना चाहिए। अगर अभिभावक बच्चे से स्वयं कुछ लेने पर थैंक यू और निवेदन करते हुए प्लीज़ कहेंगे तो वह ख़ुद-ब-ख़ुद इसे अपना लेगा। ग़लती करने पर माफ़ी मांगना भी आना चाहिए।

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