सरकार ने जीएसटी में भारी कटौती की है। 12% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए गए हैं। अधिकांश चीजों पर जीएसटी में कटौती हुई है। नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी। लेकिन इससे एफएमसीजी कंपनियों के लिए दिक्कत पैदा हो गई थी। लेकिन अब सरकार ने इसका समाधान कर दिया है। जीएसटी काउंसिल ने कई चीजों पर टैक्स में कमी की है। नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल ने हाल में कई चीजों पर टैक्स में कमी की है। यह कटौती 22 सितंबर से लागू होगी। लेकिन इससे खासकर एफएमसीजी कंपनियों के सामने समस्या पैदा हो गई थी। यह प्री-पैकेज्ड कमोडिटीज पर एमआरपी को लेकर थी। लेकिन सरकार ने उनकी समस्या का समाधान कर दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां 31 दिसंबर, 2025 तक या जब तक उनका पुराना स्टॉक खत्म नहीं हो जाता, तब तक नया एमआरपी लिख सकती हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक नया एमआरपी को स्टैंप, स्टिकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग के जरिए लगाया जा सकता है। लेकिन पुराने एमआरपी को मिटाना नहीं है। वह भी दिखनी चाहिए। नए और पुराने एमआरपी में जो अंतर होगा, वह जीएसटी में बदलाव के कारण होना चाहिए। इसका मतलब है कि टैक्स जितना कम हुआ है, एमआरपी भी उतनी ही कम होना चाहिए। साथ ही कंपनियों को इसके बारे में अखबारों में विज्ञापन भी देना होगा। उन्हें अपने डीलरों को भी बताना होगा।