भोजराज सिंह पवार शुजालपुर। मध्यप्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शुजालपुर मंडी क्षेत्र के फ्रीगंज इलाके में 20 जुलाई 2025 को चक्काजाम की घटना का कवरेज करने पहुंचे अनादि न्यूज़ के संवाददाता एवं मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के ब्लॉक उपाध्यक्ष ओम मेवाड़ा के साथ जो कुछ हुआ, उसने प्रदेश में मीडिया की स्वतंत्रता और पुलिस की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। जानकारी के अनुसार, ओम मेवाड़ा जब घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक एंबुलेंस भीड़ में फंसी हुई है। उन्होंने तत्परता से भीड़ को समझाकर एंबुलेंस को रास्ता दिलाया। वहीं, कुछ असामाजिक तत्व मौके पर पुलिस और प्रशासन के विरुद्ध भड़काऊ नारेबाजी कर रहे थे, जिन्हें शांत करने का प्रयास ओम मेवाड़ा ने किया। लेकिन इसके बदले में उन्हें गालियाँ दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। जब उन्होंने मंडी थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाही, तो पुलिस ने पहले तो रिपोर्ट लेने से इनकार कर दिया और बाद में राजनीतिक दबाव में आकर उल्टा पत्रकार ओम मेवाड़ा के ही विरुद्ध झूठा मामला दर्ज कर दिया गया। बताया गया है कि उन्हें लगभग आठ घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया और श्रमजीवी पत्रकार संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही उनकी शिकायत दर्ज की गई। इस घटनाक्रम को लेकर मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताया है और कहा है कि सत्ता पक्ष के संरक्षण में पुलिस का यह रवैया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने जैसा है। जिला अध्यक्ष अभिषेक सक्सेना चिंटू ने कहा कि अब शांति प्रिय कहे जाने वाले मालवा क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर सत्ता से जुड़े कुछ नेताओं द्वारा गुंडागर्दी और भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है, बुद्धिजीवी वर्ग को चुप कराने के लिए प्रताड़ना के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। इधर पत्रकार ओम मेवाड़ा ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि सच्चाई दिखाना अपराध बन चुका है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि अब मौन रहना विकल्प नहीं, बल्कि अन्याय के विरुद्ध संगठित होकर आवाज़ उठाना समय की आवश्यकता है। संगठन की शाजापुर जिला तथा शुजालपुर ब्लॉक इकाई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पत्रकार ओम मेवाड़ा पर दर्ज की गई झूठी FIR को निरस्त किया जाए और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु शीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। गौरतलब है कि प्रांत अध्यक्ष शलभ भदौरिया के नेतृत्व में मुरैना में आयोजित संगठन के महाधिवेशन में भी मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को सौंपा था, जिसमें मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून शीघ्र लागू करने की मांग प्रमुखता से थी,ताकि पत्रकार बिना डर और दबाव के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।