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भोजराज सिंह पंवार
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शुजालपुर में मनाई गुरु गोविंद सिंह जयंती:अखंड पाठ साहिब की संपूर्णता के साथ हुआ कीर्तन व लंगर, शाम को सजेगा गुरु का दीवान

शुजालपुर में गुरु गोविंद सिंह जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया गया। सिख समाज ने सोमवार को गुरुद्वारा में कीर्तन, अरदास व लंगर कराया। सुबह 10 बजे अखंड पाठ साहिब की संपूर्णता हुई। इसके बाद दीवान सजाकर कीर्तन का क्रम शुरू हुआ। गुरु की अरदास के बाद दोपहर 1 बजे गुरु का अटूट लंगर शुरू हुआ। रात 8 बजे से लंगर और 10 बजे भी गुरुद्वारा में दीवान सजाया जाएगा। रात 12 बजे समाप्ति होगी। कौन थे गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म को मजबूत किया और अनुयायियों को सच्चाई, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई जाती है। इस साल पौष माह में सप्तमी तिथि की शुरुआत 5 जनवरी की रात 8:15 बजे हुई। समापन 6 जनवरी 6:23 बजे होगा। इसलिए 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जा रही है। गुरु गोविंद सिंह के वचन 1. ईश्वर ने हमें जन्म दिया है, ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें। 2. इंसान से प्रेम करना ही ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है। 3. अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे। 4. मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं। 5. भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है। भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं। 6. सत्कर्म के द्वारा, तुम्हें सच्चा गुरु मिलेगा और उसके बाद प्रिय भगवान मिलेंगे, उनकी मधुर इच्छा से तुम्हें उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा। 7. हमेशा अपने दुश्मन से लड़ने से पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें। अंत में आमने-सामने के युद्ध में पड़ें। 8. सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है, जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ समाप्त कर देता है। 9. भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है। भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं। 10. अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।

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