शुजालपुर रक्तदान एक ऐसा दान है, जिसका कोई मोल नहीं है और यह गुप्त दान हैं, जिसके बारे में डोनर भी नहीं जनता है कि उसका ब्लड किसे डोनेट किया है। इसलिए इसे महादान कहा जाता है। यदि समय पर मरीज को खून न मिल पाए, तो उसकी जान जा सकती है। अस्पतालों में भर्ती ऐसे जरूरतमंद मरीजों को इलाज के दौरान खून मिल सके, इसके लिए जेएनएस महाविद्यालय की रासेयो, रेड रीबन क्लब व एचडीएफसी बैंक के सयुंक्त तत्वाधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान खन्ना ने कहा कि ब्लड डोनेशन की सहायता से आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं और ऐसे लोगों की सेवा कर सकते हैं, जो मुसीबत में है। ब्लड डोनेशन के बदले में किसी को भी अपेक्षा नही करना चाहिए, इसीलिए इसे महादान कहा गया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शर्मा ने रक्तदान का महत्व बताया व सभी को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही आईसीटीसी काउंसलर जया माहेश्वरी ने भी विधार्थियों को प्रेरित किया। 43 यूनिट हुआ रक्तदान इस अवसर पर रक्तदान करने वाले सभी रक्तदाताओं को लंच बॉक्स और सर्टिफिकेट प्रदान करके उनका सम्मान किया गया। इस शिविर में कुल 43 यूनिट रक्तदान हुआ। रेड रिबन के स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को रेड रिबन का प्रतीक चिन्ह -लाल कलर का रिबन लगाया। इस अवसर पर महाविद्यालय कि प्राध्यापक डॉ. प्रवीणा धारीवाल, डॉ. कुसुम जाजू, डॉ. राजरानी खुराना, डॉ. ऋतु त्रिवेदी, संजय प्रजापति, राजकुमार साहू, डॉ. आशीष यादव, डॉ. तुषार यादव, डॉ. संजय मिश्रा व छात्र-छात्राएं मौजूद थे।