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भोजराज सिंह पंवार
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बुधनी टाइम्स

संसद का बजट सत्र

बुधनी टाइम समाचार पत्र सुजालपुर contect number 7697309866 संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित कर रही है। मुर्मू के आने पर पूरे सदन ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया। मुर्मू ने कहा- संसद के इस संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश किया। अमृतकाल के 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी और विकसित भारत के निर्माण का वक्त है। मोदी ने कहा- बजट से लोगों को काफी उम्मीदें सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज का दिन महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति मुर्मू संसद में पहली बार जॉइंट सेशन को संबोधित कर रही हैं। इस सदन में तकरार तो होगी ही, तकरीर भी होनी चाहिए। मोदी ने कहा- विपक्ष पूरी तैयारी के साथ आया है। हम बहुत अच्छी तरह मंथन करके देश के लिए अमृत निकालेंगे। हमारे देश के बजट पर विश्व की नजर है। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी। हमारे देश की ओर दुनिया आशा से देख रही है। हमार लक्ष्य देश पहले-देशवासी पहले होना चाहिए। बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के बजट पर दुनिया की नजर है। बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के बजट पर दुनिया की नजर है। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रमुख बातें राष्ट्रपति ने कहा- हमारे सामने युग निर्माण का अवसर है। इसके लिए शत प्रतिशत सामर्थ्य के साथ काम करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसमें अतीत का गौरव और आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जो मानवीय दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम हो। गरीबी न हो, मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। युवा समय से दो कदम आगे चलते हों, ऐसा भारत हो। जिसकी विविधता और उज्ज्वल और एकता और ज्यादा अटल हो। 2047 में जब ये सच्चाई जीवंत होगी तो उसकी नींव का अवलोकन भी करेगा। आज अमृतकाल का ये समय महत्वपूर्ण हो गया है। मेरी सरकार को देश के लोगों ने पहली बार सेवा का अवसर दिया तो सबका साथ-सबकाविकास के मंत्र से शुरुआत की थी। समय के साथ इसमें सबका प्रयास भी जोड़ा गया है। ये मंत्र राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा बन गया है। सरकार को कुछ ही महीने में 9 साल पूरे हो जाएंगे। इन 9 साल में भारत के लोगों ने सकारात्मक परिवर्तन देखे। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है। दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। हम दुनिया पर निर्भर हुआ करते थे, आज दुनिया की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। सीतारमण आज पेश करेंगी आर्थिक सर्वे, कल बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। कल यानी 1 फरवरी को बजट पेश होगा। यह लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। मोदी सरकार साल 2014 से अब तक कुल 9 बजट पेश कर चुकी है। इस साल 10वां बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट इकोनॉमिक अफेयर्स में एक इकोनॉमिक डिवीजन है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन की देख-रेख में इकोनॉमिक डिवीजन ने यह सर्वे तैयार किया है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट इकोनॉमिक अफेयर्स में एक इकोनॉमिक डिवीजन है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन की देख-रेख में इकोनॉमिक डिवीजन ने यह सर्वे तैयार किया है। केजरीवाल और KCR की पार्टी ने बहिष्कार किया सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP, केसीआर की पार्टी BRS समेत कई विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जिन खड़गे ने कहा कि श्रीनगर में भारी बर्फबारी के चलते कई नेता फंसे हुए हैं। फ्लाइट में देरी की वजह से राहुल गांधी समेत कई सांसद राष्ट्रपति के भाषण में नहीं पहुंच पाएंगे। वहीं, बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष महंगाई, चीन की सेना की घुसपैठ, BBC की डॉक्यूमेंट्री, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा ,राम रहीम की परौल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक हुई, 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे इससे पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक अच्छी रही। हम सदन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग चाहते हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में कांग्रेस और सपा के नेता मौजूद नहीं थे। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने लेटर लिखकर बता दिया था कि वे मौसम के चलते कश्मीर में फंसे हैं, इसलिए उनके नेता नहीं आ सकते हैं। पार्टी से 31 जनवरी को अलग से चर्चा की जाएगी। सोमवार का सर्वदलीय बैठक में प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है जो विपक्ष की ओर से नियम के तहत उठाए जाएंगे। सोमवार का सर्वदलीय बैठक में प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है जो विपक्ष की ओर से नियम के तहत उठाए जाएंगे। 6.5% ग्रोथ रेट का अनुमान न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6-6.8% का अनुमान जताया है। मौजूदा हालात में सरकार नए वित्त वर्ष के लिए 6.5% की ग्रोथ रेट का अनुमान लगा सकती है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं, नॉमिनल ग्रोथ का अनुमान 11% लगाया जा सकता है। पिछले साल इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8-8.5% की GDP ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) का अनुमान लगाया गया था। GDP से पता चलती है इकोनॉमी की हेल्थ GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है। इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है? जिस तरह से मिडिल क्लास परिवारों में हिसाब-किताब के लिए डायरी बनाई जाती है, जिससे महीने या साल के आखिर में पता चलता है कि कितना कमाया, कितना बचाया और कहां-कितना खर्च हुआ और आगे के खर्चों का अनुमान लगाया जाता है, ठीक वैसे ही इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक हालत का लेखा-जोखा होता है। एक साल में सरकार ने कितना पैसा जमा किया और कहां-कहां खर्च किया, इसका ब्योरा इकोनॉमिक सर्वे में रहता है। इससे देश की इकोनॉमी की हालत पता चलती है और कई संभावनाओं को ध्यान में रखकर अगले साल के खर्चों का एक अनुमान तैयार किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है। 2021-22 का इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए संजीव सान्याल (बाएं) और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी 2021-22 का इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए संजीव सान्याल (बाएं) और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी दो सत्र में होगा बजट सत्र संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो 14 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद 14 फरवरी से 12 मार्च तक छुट्टी रहेगी। वहीं, बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। दूसरे चरण में संसद के दोनों सदनों में वित्त विधेयक पर चर्चा की जाएगी जिसके बाद विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाएगा। 31 जनवरी से 6 अप्रैल तक कुल 66 दिनों (छुट्टी मिलाकर) में कुल 27 बैठकें होंगी। बजट-2023 से आपको क्या उम्मीदें हैं...इससे संबंधित ये खबरें भी पढ़ सकते हैं... केंद्रीय बजट-2023 में 35 आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है सरकार इस बजट में कई तरह के आइटम्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की अनाउंसमेंट की जा सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के अपने प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार केंद्रीय बजट 2023 में लगभग 35 आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है।

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