शुजालपुर। इन दिनों बड़ी संख्या में प्रदेश की राजधानी भोपाल एवं जिला मुख्यालय शाजापुर सहित अन्य स्थानों पर जाने के लिए निजी यात्री बसों के अलावा चार्टर्ड बसें चल रही हैं। यहां पर निजी बसों के खड़े रहने के लिए तो बस स्टैंड है, लेकिन चार्टर्ड यात्री बसों के का स्टैंड नहीं होने के कारण यह बसें कहीं भी सवारी उतारने और चढ़ाने के लिए सड़क पर ही खड़ी कर दी जाती है। जिससे यातायात व्यवस्था बिगड़ती है वहीं दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। शहर में मंडी बस स्टैंड के सामने इन बसों का कार्यालय है। जहां पर यह बसें खड़ी रहती है, जिससे दोनों साइड से आ रही अन्य बसों के निकलने के लिए जगह नहीं बचती। वहीं रांग साइड में खड़ी यात्री बसों के कारण या तो कई बार जाम की स्थिति बनती है या फिर इसके कारण दुर्घटना का भय बना रहता है। नगर से करीब एक दर्जन से अधिक बसें आती-जाती हैं। कई बार इसको लेकर विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। निजी बस ऑपरेटर में प्रतिस्पर्धा होने के कारण इन बसों को मनमर्जी से चाहे जहां खड़ी कर दी जाती है। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से निजी बसों के लिए बस स्टैंड है, इस प्रकार से चार्टर्ड बसों का नियत स्टैंड होना चाहिए, ताकि यह सड़कों के किनारे नहीं खड़ी रहे और दुर्घटना से बचा जा सके, लेकिन ना तो इस तरफ यातायात पुलिस ध्यान दे रही है और ना ही स्थानीय प्रशासन। जिसके कारण बसों को मनमर्जी से हर कहीं खड़ा कर दिया जाता है। वहीं इसकी वजह से कई दुकानदारों का व्यापार भी प्रभावित होता है। कुछ दुकानदारों ने तो इससे परेशान होकर अपनी दुकानों के सामने नो पार्किंग का बोर्ड भी लगा रखा है। बस स्टैंड पर दुकानें लगने से नहीं बचती जगह इस बारे में बस स्टैंड के समीप दुकान संचालित करने वाले सर्वजीत सिंह राजपाल का कहना है कि चार्टर्ड बस के लिए बस स्टैंड नहीं होने के कारण इनको सड़कों पर ही खड़ा कर दिया जाता है, जिससे यातायात भी प्रभावित होता है। दुकानदारों का व्यापार भी प्रभावित होता है और दुर्घटना का भाई भी बना रहता है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इसके लिए उचित कदम उठाकर इसकी व्यवस्था सुचारू रूप से बनवाएं, क्योंकि बस स्टैंड से एक तरफ निजी यात्री बस आती जाती हैं, तो बस स्टैंड के बाहर ऑटो व मैजिक खड़े रहते हैं। वहीं कुछ जगह फलों की दुकान भी लगती है। ऐसे में इन बसों को आधी सड़क तक खड़ा करना परेशानी का कारण ही बनता है।