अकोदिया के मां अन्नपूर्णा मंदिर, जटपुरा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन धूमधाम से तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। इस दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ बारात निकाली गई, और मंदिर के आंगन में सजाए गए मंडप में तुलसी विवाह संपन्न हुआ। मंदिर के आंगन में तुलसी को दुल्हन की तरह सजाया गया था। महिलाओं ने तुलसी माता को कलीरे पहनाकर उनका श्रृंगार किया। शालिग्राम को पहनाए गए दूल्हे के सुंदर वस्त्र तुलसी माता का विवाह शालिग्राम, जो भगवान विष्णु का प्रतीक हैं, के साथ संपन्न कराया गया। शालिग्राम को भी दूल्हे की तरह सुंदर वस्त्र पहनाए गए। तुलसी विवाह के लिए महिलाओं ने विशेष तैयारी की थी और व्रत भी रखा। उन्होंने आंगन में तुलसी के पास सुंदर रंगोलियां बनाईं और तुलसी माता व शालिग्राम की पूजा की। मेवाड़ा परिवार ने विधि-विधान से कराया तुलसी विवाह मेवाड़ा परिवार द्वारा विधि-विधान से तुलसी का विवाह कराया गया, जिसमें शालिग्राम दूल्हा बने। बारात में बैंड-बाजे, डीजे और ढोल-नगाड़े के साथ नगर में बारात निकाली गई, जिसका भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने तुलसी विवाह के अवसर पर साड़ी, गहने, मिठाई, बर्तन आदि का दान किया। पंडित ने मंत्रोच्चारण के साथ तुलसी और शालिग्राम के फेरे कराए। मंदिर प्रांगण में शादी का माहौल देर रात तक बना रहा।