संपादक भोजराज सिंह पंवार-- 25 नवंबर को मजदूरों को टनल में फंसे हुए 14 दिन हो चुके थे। तभी अमेरिकी ऑगर मशीन का ब्लेड टूट गया। मलबे में दबे सरिए और लोहे में फंसकर ऑगर के पुर्जे टूट गए। दो दिन तक काम बंद रहा। जब मजदूरों को निकालने की कोई तकनीक काम नहीं आई तो मैनुअली मलबा निकालने का फैसला हुआ। 6 रैट माइनर्स की टीम बुलाई गई। 27 नवंबर को रैट माइनर्स पाइप के जरिए अंदर गए और हाथ से खुदाई करने लगे। सिर्फ दो दिन में इन 6 लोगों की टीम 41 मजदूरों तक पहुंच गई।