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भोजराज सिंह पंवार
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बुधनी टाइम्स

महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम की चर्चा आज भी देश में जगह-जगह होती है

(बुधनी टाइम्स समाचार पत्र भोजराज सिंह पवार) वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम की चर्चा आज भी देश में जगह-जगह होती है। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर अकोदिया में आयोजित हुए कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री परमार ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पाजंलि अर्पित कर नमन भी किया। राज्यमंत्री श्री परमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के 483 वर्ष हो जाने के पश्चात भी उनके शौर्य एवं पराक्रम की चर्चा आज भी देश में जगह-जगह हो रही है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में गौरव का दिन है एवं आज ही के दिन महाराणा प्रताप जैसे महापुरूष का जन्म हुआ है। महाराणा प्रताप जैसे महापुरूषो ने कभी भी दुश्मनो के सामने घुटने नहीं टेके, बल्कि अपनी अंतिम सांस तक उन्होंने दुश्मनो से युद्ध किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान उनके घोड़े चेतक ने भी उनका साथ नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की स्वाधीनता के लिये अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का देशप्रेम, पराक्रम और स्वाभिमानी जीवन हम सबको सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश एवं पुरखो के स्वाभिमान को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश की गुलामी का इतिहास न पढ़ाते हुए देश के शौर्य महाराणा प्रताप का इतिहास, स्वामी विवेकानंद के धर्म एवं ज्ञान, राजा भोज के जल प्रबंधन, डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा देश के लिये दिये गये योगदान को पढ़ाने जा रहे है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव हो रहा है। इस अवसर पर उन्होंने नई शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति से विद्यार्थी श्रेष्ठ नागरिक एवं देशभक्त बनेंगे। नई शिक्षा नीति में अमुलचुल परिवर्तन किया गया है। नई शिक्षा नीति अपनी शिक्षा-अपनी भाषा का प्रावधान करते हुए हुनर एवं व्यवसाय पर आधारित रहेगी। साथ ही इसमें पूर्व प्राथमिक शिक्षा का भी प्रावधान किया गया है। जिसे बाल वाटिका का नाम दिया गया है। बाल वाटिका अरूण, उदय और प्रभात के नाम से रहेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमराज सिंह सिसोदिया ने संबोधित करते हुये कहा कि मातृभूमि पर जब कभी भी अत्याचार अनाचारण बढ़ा है, तब धरती पर कोई न काई महापुरूष का जन्म अवश्य हुआ है। मातृभूमि की स्वाधीनता के लिये वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का बहुत बड़ा योगदान है। साथ ही उन्होंने महापुरूषो के योगदान को पढ़ाई में जोड़ने के लिये सभी को धन्यवाद भी दिया। इस अवसर पर श्री जगदीश सीतारा एवं श्री नरेन्द्र यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री लोकेन्द्र सोनी, श्री भगवत मण्डलोई, श्री नरेन्द्र मेहता, श्री सचिन शर्मा, श्री गोविन्द मण्डलोई, श्री संतोष मेवाड़ा, श्री शिवनारायण, श्री अरविन्द परमार एवं भगवान सिंह, अनुविभागीय अधिकारी श्री सत्येन्द्र प्रसाद सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, नागरिकगण भी मौजूद थे।

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