बुधनी टाइम समाचार पत्र शुजालपुर,,,,,,,,,, मीडिया कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी सुश्री मनीषा पंडित ने कहा कि आयुष्मान भारत मिशन सतत् विकास के लक्ष्यों और इसकी रेखांकित प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 को डिजाइन किया गया। इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर पर समग्र रूप से प्रभावी रूप से हस्तक्षेप करना है।इस हेतु आयुष्मान भारत योजना का लोकार्पण किया गया, आयुष्मान भारत देखभाल की निरंतरता को अपनाता है। जिसके दो घटक है-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्रों की परिकल्पना जो की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत का दूसरा घटक है, यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है, यह सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इन्दौर में 11 लाख से अधिक कार्ड बना कर प्रधानमंत्री जी की सराहना प्राप्त की है। आयुष्मान भारत योजना के आयामों का विस्तार और 27 अक्टूबर 2021 को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का शुभारंभ किया गया। यह स्वास्थ्य का डिजिटल ईको सिस्टम है, जिसमे परामर्श, उपचार, निदान तथा जांच का एक कुशल सुलभ एवं समावेशी मॉडल तैयार होगा। *आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के 5 आधार भूतस्तंभ है* आभा आई.डी. एच. पी. आर., एच.एफ.आर, पी.एच.आर, यू.एच.आई इन सब से स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर नियोजन बजट तथा क्रियान्वयन के साथ-साथ स्वास्थ्य डेटा के विश्लेषण में मदद मिलेगी। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं इन्दौर संभाग डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार होगा और लोग इसके महत्व को अच्छे से समझ पायेंगें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला इन्दौर डॉ. बी. एस. सैत्या ने कहा कि आभा आई.डी. बनाने से स्वास्थ्य रिकार्ड रखने मे सुविधा होगी, जिस प्रकार हर व्यक्ति का आधार कार्ड होता है, इसी तरह हर नागरिक की आभा आई.डी. भी होगी ओर इन्दौर अन्य क्षेत्रों की तरह इसे बनाने में भी प्रथम रहेगा। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया ने अपने प्रस्तुतिकरण में कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन रिकार्ड को सुरक्षित रूप से रखने का एक प्रभावी साधन है, सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने का विकल्प प्रदान करेगा, यह देश के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा है। जिला इन्दौर अंतर्गत अभी तक 13 लाख आभी आईडी बनाई जा चुकी है। स्वास्थ्य प्रदाय कर्ताओं के पास रोगी के चिकित्सकिय इतिहास तक बेहतर पहुंच बनेगी। टेलीमेडिसिन सेवा के द्वारा दूर के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवायें पहुंचेगी। इस अवसर पर पत्रकारों की आभा आई.डी. भी बनाई गई। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. रघुनाथ सातनकर ने आभार व्यक्त किया, कार्यशाला में संयुक्त संचालक डॉ. हेमंत गुप्ता, उप संचालक एच. एन. नायक, डॉ. संतोष सिसोदिया, डॉ. तरुण गुप्ता, डॉ. अमित मालाकार उपस्थित थे।