बुधनी टाइम समाचार पत्र सुजालपुर CONTECT NUMBER 7697309866 भोपाल की सबसे बड़ी जीव दया गोशाला गायों की मौत और कुछ दूर शव-कंकाल के ढेर पड़े होने की वजह से सुर्खियों में है। मामले में गो-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा है कि मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। कोई लापरवाही पाई जाती है, तो एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम के ठेकेदार गोशाला से कुछ दूर गोवंश के शव फेंक जाते हैं, जबकि हमने अफसरों से कहा है कि गोवंश को भू-समाधि दी जाए, उनकी चीरा-फाड़ी न की जाए। निगम द्वारा लाई जाने वाली गायें पॉलीथिन खाकर आती है। कुछ दिन बाद उनकी मौत हो जाती है। भदभदा स्थित जीव दया गोशाला पिछले तीन दिन से सुर्खियों में है। आरटीआई में जुटाई गई जानकारी में यहां एक साल के भीतर दो हजार से ज्यादा गायों के गायब होने की बात सामने आई। गोशाला से कुछ दूर गायों के शव और कंकाल पड़े होने से राजपूत करणी सेना और पेट लवर्स ने विरोध भी जताया। इसके बाद नगर निगम ने ताबड़तोड़ शव और कंकाल को इकट्ठा करवाकर आदमपुर छावनी में फेंक दिया। वहीं, पशु चिकित्सा विभाग की सात सदस्यीय टीम जांच में जुटी है। प्रारंभिक जांच में गोशाला प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है।गो-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने दैनिक भास्कर से कहा- जीव दया गोशाला वर्ष 1999 में स्थापित की गई थी, जो मॉडल थी। गोशाला में गोवंश का संरक्षण होता है। चारे-भूसा देने की परंपरा का निर्वहन करते हैं। गो-संवर्धन बोर्ड से हर रोज प्रति गोवंश 20 रुपए की अनुदान देते हैं। यह मामला सामने आने के बाद मैंने खुद गोशाला जाकर निरीक्षण किया। जानकारी लेने पर पता चला कि नगर निगम यहां पर गोवंश छोड़ जाता है। उनकी गायों के लिए गोशाला में अलग से शेड बनाया गया है। निगम द्वारा छोड़ी जाने वाली गायें पॉलीथिन खाकर आती हैं। चूंकि, गोशाला में भरपेट चारा-भूसा देते हैं। बावजूद कुछ दिन बाद अधिकांश की मौत हो जाती है। निगम ने एक ठेकेदार को ठेका दे रखा है, जो गोशाला से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर शवों की चीरा-फाड़ी करता है, यह पद्धति गलत है।आरटीआई कार्यकर्ता ने रुपए मांगे, उसी ने लोगों को इकट्ठा किया स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि गोशाला प्रबंधन से एक आरटीआई कार्यकर्ता ने रुपए मांगे थे। उसी ने इकट्ठा किया है। इससे अराजकता की स्थिति बन गई। गोशाला में संगठन के लोग आ जाए। उन्होंने गायों को छोड़ दिया। जिनकी चपेट में एक बछड़े की मौत भी हो गई। शवों काे भूमि समाधि दी जाए उन्होंने कहा कि गो-संवर्धन बोर्ड की जब-जब मीटिंग होती है, तब कहते हैं कि शवों का निष्पादन नियमानुसार करें। निगम से कहा है कि शवों को भूमि समाधि दी जाए। चीरा-फाड़ी न की जाए। गोशाला के पास ही इस तरह का चीरा-फाड़ी केंद्र न बनाएं। स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि सात सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो 3 दिन में रिपोर्ट देगी। गोशाला प्रबंधन की लापरवाही आती है, तो एक्शन लेंगे। भोपाल सांसद भी लिख चुकी सीएम को लेटर इस मामले में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिख चुकी हैं। जिसमें उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी गोशालाओं की जांच कराने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। सांसद ठाकुर ने सीएम से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।