शाजापुर, 04 फरवरी 2025/ उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने मंगलवार को शाजापुर जिले के शुजालपुर स्थित माँ शारदा सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित "पूर्व विद्यार्थी मिलन समारोह" में सहभागिता कर विद्यार्थी जीवन के अपने संस्मरण पूर्व विद्यार्थियों के साथ साझा किए। मंत्री श्री परमार ने कहा कि इस विद्यालय का अपना अलग इतिहास रहा है, इसलिए मैं व्यक्तिगत रूप से इस विद्यालय को ऐतिहासिक विद्यालय मानता हूं। इस विद्यालय में पिछले कई दशकों में विभिन्न प्रतिष्ठित शिक्षकों ने अध्यापन कर, विद्यालय की प्रतिष्ठा में उत्तरोत्तर वृद्धि की है। श्री परमार ने पूर्व विद्यार्थियों के साथ संवाद कर अपनी विद्यालयीन जीवन से जुड़े विविध संस्मरणों को साझा किया। सम्मेलन के दौरान उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए मंत्री श्री परमार ने कहा कि पिछले कार्यकाल में स्कूल शिक्षा मंत्री के रूप में मुझे विद्यालयीन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करने का अवसर मिला। इस दौरान हमने इस विद्यालय में सरस्वती पूजन की परम्परा को आरम्भ किया, इसकी निरंतरता बनाए रखना अब वर्तमान एवं भविष्य के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी है। श्री परमार ने कहा कि छात्र जीवन में हम दोहरी शिक्षा और महंगी शिक्षा को लेकर कटाक्ष करते थे। पिछले कार्यकाल में इस नैरेटिव को बदलने का अवसर मिला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में हमने सीएम राइज योजना के अंतर्गत सीएम राइज विद्यालय स्थापित किए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने के बाद से ही, प्रदेश में शिक्षा में आमूलचूल और व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं। मध्यप्रदेश नए संकल्प के साथ, भारत केंद्रित शिक्षा और भारतीय दर्शन से समृद्ध शिक्षा की ओर सतत् आगे बढ़ रहा है। शिक्षा में व्यापक परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में, राज्य सरकार ने सीएम राइज योजना के अंतर्गत विद्यालय स्थापित किए हैं। निर्धनता, अब शिक्षा अर्जित करने में बाधा नहीं बन सकेगी। निर्धन अभिभावक का दर्द समझकर ही सीएम राइज योजना अंतर्गत विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। अब सभी वर्ग के विद्यार्थी समान रूप से गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा अर्जित कर रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के से अनुसरण में भारतीय दृष्टि एवं चिंतन से समृद्ध शिक्षा प्रदान करने की दिशा में व्यापक रूप से कार्य हो रहा है। जब भारत विश्वगुरु कहलाता था, तब प्रकृति और संस्कृति पर आधारित शिक्षा गुरुकुलों में मिलती थी। बच्चों को रटाया नहीं सिखाया जाता था। उसी भारतीय ज्ञान परम्परा से समृद्ध शिक्षा देने की दिशा में कार्य हो रहे हैं। अब बच्चों को सीखने पर आधारित शिक्षा दी जारी है। हमने पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पुस्तकों, होमवर्क एवं बस्तों के बोझ से मुक्त किया है। श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा पद्धति को, भारतीय दृष्टिकोण और चिंतन से समृद्ध किया जा रहा है। भारतीयता के भाव से समृद्ध शिक्षा देने के लिए हम व्यापक कार्ययोजना के साथ काम कर रहे हैं। श्री परमार ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा पर युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में वर्तमान परिदृश्य अनुरूप शोध एवं अनुसंधान कर, शिक्षा पद्धति में समावेश किया जा रहा है। श्री परमार ने कहा कि हम सभी को स्वत्व के भाव के जागरण के साथ, भारतीय दृष्टिकोण से राष्ट्र निर्माण में सहभागिता करने की आवश्यकता है। श्री परमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर समाज में मान्यताएं और परंपराएं स्थापित की, इन्हें युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में रखने की आवश्यकता है। श्री परमार ने कहा कि हम सभी की सहभागिता से शिक्षा के क्षेत्र में भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा। इसके लिए मातृभूमि के3 प्रति कृतज्ञता के भाव से समृद्ध सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। श्री परमार ने कहा कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत विश्वमंच पर सौर ऊर्जा एवं खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और अन्य देशों की पूर्ति करने में सामर्थ्यवान भी बनेगा। श्री परमार ने पूर्व विद्यार्थियों के सम्मेलन को सफल बनाने में सहभागिता करने के लिए सभी को धन्यवाद भी ज्ञापित किया और यह क्रम सतत् जारी रखने की बात भी कही। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने पूर्व विद्यार्थियों के साथ माँ शारदा सीएम राइज विद्यालय के निर्माणाधीन भवन का अवलोकन भी किया। पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन में विभिन्न शहरों से पधारे अनेक उद्योगपति, शिक्षक, सेवानिवृत कर्मचारी एवं पूर्व विद्यार्थी अपने विद्यालयीन संस्मरणों को साझा किया। इस दौरान पूर्व विद्यार्थी विद्यालयीन संस्मरणों को याद करते कान पकड़कर उठक बैठक लगाते, क्लास रूम में टेबल बजाकर गाने गाते भी नजर आए। सभी ने अपने शिक्षकों को याद करते हुए 'अमर रहे' के नारे लगाए, सेल्फी लीं और ग्रुप फोटो भी खिंचवाए। कार्यक्रम में 67 साल बाद स्कूल आने वाले पूर्व छात्र भी शामिल हुए और 85 वर्षीय बुजुर्ग छात्र भी लकड़ी का सहारा लेकर अपने पुराने साथियों से मिलने पहुंचे। ज्ञातव्य है कि माँ शारदा सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शुजालपुर का पहला हाई स्कूल है, जिसकी स्थापना 1931 में श्री राम मंदिर के पीछे हुई थी। इसे लाल स्कूल के नाम से जाना जाता है। 1957 में वर्तमान सीएम राइज स्कूल भवन में कक्षाएं शुरू हुईं। इस विद्यालय में उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने भी वर्ष 1979 में अध्ययन किया।