शाजापुर, 06 मार्च 2024/ विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग द्वारा 09 मार्च शनिवार को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 कि.वाट तक गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियमानुसार छूट दी जायेगी। प्रीलिटिगेशन प्रकरण (न्यायालय में दर्ज होने के पूर्व के प्रकरण) में विद्युत कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माह चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी। लिटिगेशन प्रकरण (न्यायालय में दर्ज प्रकरण) में विद्युत कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माह चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी। म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि वृत्त शाजापुर अधीक्षण यंत्री (सं.-सं.) ने बताया कि उपरोक्त अनुसार दी जा रही छूट आकंलित सिविल दायित्व राशि 50 हजार रूपए तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। ऐसे उपभोक्ता जो नेशनल लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरण का निराकरण करवाएगे उनका न्यायालय मे लंबित अपराधिक प्रकरण (लिटिगेशन) एवं न्यायालय में दर्ज होने वाले प्रकरण (प्रीलिटिगेषन) को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। समझौता के माध्यम से छूट के लिए अन्य शर्ते एवं जानकारी विद्युत-वितरण-केन्द्र कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है